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यीशु का निर्देश उसकी अस्वीकृति को ध्यान में रखते हुए
लूका १२:१ से १३:२१ तक

मसीहा ने सबसे पहले अपने प्रेरितों के आंतरिक समूह को कई सच्चाइयाँ सिखाईं:

१. चेतावनियाँ और प्रोत्साहन (Hc) ल्यूक १२:१-१२

२. अमीर मूर्ख का दृष्टांत (Hd) ल्यूक १२:१३-३४

३. चौकस सेवकों का दृष्टांत (He) ल्यूक १२:३५-४८

४. शांति नहीं बल्कि विभाजन (Hf) ल्यूक १२:४९-५३

तब येशुआ ने भीड़ को कई पाठ सिखाए:

५. कपटी! आप मौसम की व्याख्या करना जानते हैं,

लेकिन यह नहीं जानते कि वर्तमान समय की व्याख्या कैसे करें (Hg) ल्यूक १२:५४-५९

६. जब तक आप पश्चाताप नहीं करेंगे, आप नष्ट हो जायेंगे (Hh) ल्यूक १३:१-९

७. यीशु ने सब्त के दिन एक अपंग स्त्री को चंगा किया (Hi) लूका १३:१०-२१